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जनशक्ति एकता पार्टी का संविधान/Constitution of Jan Shakti Ekta Party


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अनुच्छेद (1) दल:-
पार्टी का नाम जनशक्ति एकता पार्टी होगा। जिसे आगे पार्टी कहा जायेगा।

अनुच्छेद (2):-
पार्टी के उद्देश एवं लक्ष्य
(अ) पार्टी भारतीय संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा एवं श्रद्धा रखती है पार्टी का उद्देश राष्ट्र को सशक्त एवं समृद्धिशाली बनाना है जिससे राष्ट्र की गरिमा बनाये रखते हुये आधुनिक राष्ट्र का निर्माण हो सके। पार्टी शान्तिपूर्ण तथा लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध करने का अधिकार प्रदान करती है जिसमे सत्याग्रह तथा शांतिपूर्ण विरोध शामिल हैं। पार्टी किसी भी प्रकार की हिंसा को बड़वा नहीं देगी और न ही उसमें शामिल होगी।
(ब) पार्टी धर्म निरपेक्षता का समर्थन करती है तथा ऐसा प्रत्येक व्यक्ति जो धर्म निरपेक्षता का समर्थन करता है पार्टी का सदस्य हो सकेगा और ऐसा प्रत्येक व्यक्ति जो धर्म निरपेक्षता का विरोध करता है पार्टी का सदस्य नहीं हो सकेगा।
(स) पार्टी महिलाओं, अल्पसंख्यको, दलितों, पिछड़े वर्ग तथा अन्य सभी पिछडे़ समाज के लिये चाहे वह किसी भी जाति या धर्म से हो को विशेष अवसर प्रदान करेगी। पार्टी इसे आवश्यक मानती है।
(द) पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, पंथ-निरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखेगी तथा भारत की प्रभुता, एकता व अखंण्डता को अक्षुण्ण रखेगी।

अनुच्छेद (3):-
संगठनात्मक ढॉचा
पार्टी के निम्नलिखित अंग होंगे :

(1) राष्टीय संगठन
     (1) राष्टीय सम्मेलन
     (2) राष्टीय कार्यकारिणी

(2) राज्य/प्रान्तीय संगठन
     (1) राज्य सम्मेलन
     (2) राज्य कार्यकारिणी

(3) जिला स्तरीय संगठन
     (1) जिला सम्मेलन
     (2) जिला कार्यकारिणी

(4) नगरीय संगठन
     (1) नगर निगम सम्मेलन एवं नगर निगम कार्यकारिणी
     (2) नगर पालिका सम्मेलन एवं नगर पालिका कार्यकारिणी

(5) विधानसभा क्षेत्र स्तरीय संगठन
     (1) विघानसभा क्षेत्र सम्मेलन
     (2) विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी

(6) प्रारम्भिक समितियाँ

नोट :-
(1) प्रारम्भिक समिति का क्षेत्र एक मतदान केन्द्र होगा।
(2) इस संविधान में उल्लिखेत राज्य शब्द में केन्द्र शामिल क्षेत्र भी शामिल होगा।
(3) 3 लाख से ज्यादा आबादी वाले नगरों के संगठन को इसे संविधान के अन्तर्गत पृथक जिला स्तरीय संगठन माना जायेगा।

अनुच्छेद (4):-
राज्य की इकाइयों का क्षेत्र :-
(1) भारतीय संविधान की प्रथम सूची में उल्लिखित राज्य और केन्द्र शासित क्षेत्रों के अनुरूप पार्टी की राज्य इकाइयों का गठन होगा।
(2) राज्य इकाइयों का मुख्यालय संबन्धित राज्य/केन्द्र शासित क्षेत्र की राजधानी में होगा।
(3) महानगर मुम्बई एवं कोलकत्ता-हावड़ा की इकाइयों का स्वरूप राज्य स्तरीय इकाइयों के समान होगा।

अनुच्छेद (5):-
सदस्यता :-
(क)- 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक जो जनशक्ति एकता पार्टी के संविधान की धारा 2 को स्वीकार करता हो 20/- रूपया त्रैवार्षिक शुल्क देकर पार्टी का प्रारम्भिक सदस्य बन सकेगा। शर्त यह है कि वह अन्य किसी राजनैतिक एवं साम्प्रदायिक दल जिसकी पृथक सदस्यता पृथक संविधान एवं पृथक कार्यक्रम हो का सदस्य न हो। यदि किसी अन्य राजनीतिक दल का सदस्य जनशक्ति एकता पार्टी का सदस्य बनना चाहता है तो उसे एसे राजनीतिक दल को उसके द्वारा दिये गये त्यागपत्र/इस्तीफे की प्रति दल के समक्ष प्रस्तुत करने के उपरान्त ही ऐसे व्यक्ति की सदस्यता पर विचार किया जा सकेगा।
(ख)- जो प्रारम्भिक सदस्य कम से कम 25 प्रारम्भिक सदस्यों की भर्ती करे और उनका 500/-रू0 सदस्यता शुल्क जमा करें, वह पार्टी का सक्रिय सदस्य होगा।
(ग)- सदस्यता का कार्यकाल तीन वर्ष होगा जो पहली अप्रेल से प्रारम्भ होकर तीसरे वर्ष के 31 मार्च को समाप्त होगा।
(घ)- सदस्यता शुल्क विभिन्न इकाइयों में इस प्रकार बांटा जायेगा।
     राष्ट्रीय कार्यकारिणी                                 25 प्रतिशत
     राज्य कार्यकारिणी                                   25 प्रतिशत
     जिला/नगर निगम/नगर पालिका कार्यकारिणी     25 प्रतिशत
     विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी                        25 प्रतिशत
सदस्यता का पूरा शुल्क सबंधित राज्य कार्यालय में जमा किया जायेगा, जहाँ से दल के नये चुनावों के बाद उपरोक्त वर्णित व्यवस्थानुसार वितरित होगा।

अनुच्छेद (6):-
कार्यकाल:- प्रत्येक सम्मेलन, प्रत्येक कार्यकारिणी, प्रत्येक समिति तथा पदाधिकारियों का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा।

अनुच्छेद (6) (क):-
सदस्यों की चुनाव प्रक्रिया तथा नामांकन :-
पार्टी की सभी शीर्ष स्तरीय समितियों तथा प्रतिनिधि निकायों, प्रत्येक कार्यकारिणी, प्रत्येक समिति का गठन लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से होगा। तथा एसे निकायों के चुनाव होने की अवधि तक उनका नामांकन अधिकतम एक वर्ष की अवधि तक के लिए हो सकेगा। तथा ऐसा नामांकन, समिति/निकाय की कुल संख्या के एक तिहाई से अधिक नहीं हो सकेगा।

अनुच्छेद (7):-
सदस्यों की सूची :-
(1)- जिला स्तर पर प्रारम्भिक एवं सक्रिय सदस्यों की सूची जिला अध्यक्ष की देख-रेख में अलग-अलग रजिस्टर में तैयार की जायेगी। जिला अध्यक्ष एवं महासचिव दोनों के हस्ताक्षरों से सक्रिय सदस्यों की सूची राज्य कार्यकारिणी को भेजी जायेगी।
(2)- बोगस या फर्जी सदस्यता की लिखित –शिकायत यदि तथ्यों के साथ जिला अध्यक्ष या राज्य अध्यक्ष अथवा राष्ट्रीय अघ्यक्ष से की जाती है जो जिला अध्यक्ष अपने स्तर से जांच कराके रिपोर्ट राज्य अध्यक्ष को भेजेगा अथवा राज्य अघ्यक्ष स्वयं या राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार जिस तरह से उचित समझें, इसकी जाँच करायेगा। यदि जाँच से यह सिद्ध हो जाता है कि सदस्यता बोगस है तो बोगस सदस्यता प्राप्त करने वाला व्यक्ति किसी भी पद के लिये अयोग्य समझा जायेगा। राज्य अध्यक्ष के निर्णय के खिलाफ अपील राष्ट्रीय अध्यक्ष के जहाँ की जा सकेगी राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं या किसी व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा इसकी सुनवाई करा सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय अंतिम एवं बाध्यकारी होगा। सदस्यता संबंधी कोई भी वाद किसी भी न्यायालय में नही ले जाया जा सकता है।
(3)- सदस्यता सूची मे सदस्य का नाम, स्थायी पता, भर्ती की तिथि तथा सदस्यता फार्म का क्रमांक अंकित किया जायेगा।
(4)- मृत्यु होने पर, त्यागपत्र देने पर, दल से निष्कासित किये जाने पर सदस्यता समाप्त हो जायेगी।

अनुच्छेद (8):-
प्रारम्भिक समिति :-
(1)- प्रारम्भिक समिति का गठन केवल वहीं हो सकेगा, जहाँ एक मतदान केन्द्र के प्रत्येक बूथ पर कम से कम एक सक्रिय सदस्य हो। सक्रिय सदस्यो की सूची में से ही प्रारम्भिक समिति का अध्यक्ष विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी द्वारा मनोनीत किया जायेगा।
(2)- 25 प्रारम्भिक सदस्यों पर प्रारम्भिक समिति अध्यक्ष सहित सात सदस्यीय और 25 से ज्यादा सदस्य होने पर ग्यारह सदस्यीय होगी। जिनका चुनाव प्रारम्भिक सदस्यों द्वारा किया जायेगा।
(3)- नगर पंचायत के प्रत्येक वार्ड को प्रारम्भिक समिति माना जायेगा।

अनुच्छेद (9):-
विधानसभा क्षेत्र सम्मेलन एवं कार्यकारिणी :-
(1)- विधान सभा क्षेत्र की सीमा के अन्दर जिसमें नगर पंचायत भी शामिल है, प्रत्येक सक्रिय सदस्य विधानसभा क्षेत्र का सदस्य होगा।
(2)- पार्टी के सक्रिय सदस्य एवं विधानसभा क्षेत्र की सीमा के अन्दर निवास करने वाले पार्टी के विधायक, सांसद, अध्यक्ष जिला पंचायत, अध्यक्ष क्षेत्र पंचायत, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक, अध्यक्ष डी0 सी0 एफ0, सदस्य जिला पंचायत, संचालक जिला सहकारी बैंक और शीर्षस्थ सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष एवं निदेशक विधानसभा क्षेत्र कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होंगे। पदेन सदस्यों के लिये पार्टी का सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है। जिनका चुनाव प्रारम्भिक सदस्यों द्धारा किया जायेगा।
(3)- विधानसभा क्षेत्र सम्मेलन द्वारा अघ्यक्ष सहित 21 सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव के साथ-साथ क्षेत्र के सक्रिय सदस्यों की कुल संख्या का 20 प्रतिशत जिला सम्मेलन 10 प्रतिशत राज्य सम्मेलन तथा 5 प्रतिशत राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिनिधियों का चुनाव किया जायेगा। सभी स्तर के प्रतिनिधियों के लिये सक्रिय सदस्य होना आवश्यक होगा। अध्यक्ष कार्यकारिणी के सदस्यों में से एक उपाध्यक्ष, एवं एक महासचिव, तीन सचिवों एवं एक कोषाध्यक्ष को मनोनीत करेगा।
(4)- विधान सभा क्षेत्र कार्यकारिणी का अध्यक्ष कार्यकारिणी की बैठक एक माह में कम से कम एक बार अवश्य बुलायेगा।

अनुच्छेद (10):-
जिला सम्मेलन एवं जिला कार्यकारिणी :-
जिला सम्मेलन में निम्नलिखित सदस्य होंगे :-

(1)- जिले के अन्तर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्र सम्मेलनों एवं तीन लाख से कम आबादी वाले नगर पालिकाओं के सम्मेलन द्वारा जिला सम्मेलन के लिये चुने हुए प्रतिनिधि।
2)- जिले के पार्टी के सभी वर्तमान एवं पूर्व सांसद और विधायक, अध्यक्ष एवं सदस्य जिलापंचायत, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष जिला सहकारी संघ अध्यक्ष क्षेत्र अध्यक्ष क्षेत्र पंचायत और राज्य की शीर्ष सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष एवं संचालक तथा विधान सभा क्षेत्र अध्यक्ष जिला सम्मेलन के पदेन सदस्य होंगे, बशर्ते वे पार्टी के सक्रिय सदस्य हों। सभी जिला कार्यकारिणी के पदेन सदस्य भी होंगे।
(3)- जिला सम्मेलन अध्यक्ष सहित 41 सदस्यीय जिला कार्यकारिणी का चुनाव करेगा। अध्यक्ष इन सदस्यों में एक उपाध्यक्ष, एवं महासचिव एक कोषाध्यक्ष व सात सचिवों को मनोनीत करेगा। जिला कार्यकारिणी बैठक महीने में एक बार अवश्य बुलाई जायेगी।
(4)- जब तक 50 प्रतिशत विधानसभा क्षेत्र समितियों का गठन नही होता, जिला सम्मेलन और जिला कार्यकारिणी का गठन नही हो सकेगा।

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